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Handmade Bhojpatra Guru Yantra
Description
गुरु (बृहस्पति) ज्ञान, धन, संतान, विवाह, भाग्य और धार्मिकता के कारक हैं। जब जन्मकुंडली में गुरु ग्रह अशुभ या निर्बल होता है, तब जीवन में शिक्षा, संतान, विवाह और भाग्य संबंधी बाधाएँ उत्पन्न होती हैं। इस यंत्र को शुद्ध भोजपत्र पर पारंपरिक विधि से हस्तनिर्मित किया गया है। 🔹 महत्व एवं लाभ • शिक्षा, ज्ञान, बुद्धि और स्मरण शक्ति में वृद्धि करता है। • संतान सुख एवं विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर करता है। • भाग्य, धन और धार्मिक आस्था को प्रबल करता है। • आध्यात्मिक उन्नति एवं गुरु कृपा प्राप्त करने का साधन। • गुरु दोष, बृहस्पति की अशुभ दशा या पीड़ा को शांत करता है। 🔹 विशेषताएँ • पूरी तरह हस्तनिर्मित और शुद्ध भोजपत्र पर अंकित। • पारंपरिक विधि से पूजन एवं प्रतिष्ठा योग्य। • घर, मंदिर या व्यवसाय स्थल में स्थापित करने हेतु उपयुक्त। 🔹 स्थापना विधि गुरुवार को प्रातः स्नान कर पीले वस्त्र पहनें। यंत्र को गंगाजल से शुद्ध कर पीले कपड़े पर रखें। पीली हल्दी, चना दाल, पीले पुष्प और गुड़ अर्पित करें। “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” मंत्र का ११, २१ या १०८ बार जप करें। 🌸 श्रद्धा एवं विश्वास के साथ स्थापित करने पर यह यंत्र गुरु कृपा, ज्ञान, सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करता है।
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Handmade Bhojpatra Guru Yantra
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